परेशान है दिल उनका
वक़्त भी बे-वफा
रोके से भी रुकते नही आंसु
हालात कुछ खफा खफा I
उलझने ज़िन्दगी की एक ना-उम्मीदी सी
लाइ है
नये सपने बुनने कि एक मुश्किल घड़ी आइ
है
कुछ कहती नही वोह
खामोशी का दौर है
आद्त से चल रही है ज़िन्दगी
जिम्मेदारीयां तोह निभानी है I
पास वोह मेरे नही दुरिय़ां बहुत है
दिल का हाल पढ़ने के लिए
क्या करीब रहना ज़रुरी है ???
मिटातो नही सकते गम् उनके ज़िन्दगी से
लौटा भी नही सकते उसने जो खोया है
बस उनका दर्द बांटना है
हम-दर्द बनके ताउम्र साथ निभाना है I
कोइ तोह पहुंचा दो मेरे दिल का पैगाम उन तक
हमारी तोह हर एक कोशिश ना-कामयाब रही है II
मुस्कुराहट तोह है उनके लबो पे
दुनीयादारी जो निभानी है
हमे तोह बस उनहे
दिल से हंसता हुआ देखना है
गुनगुना उठे वोह अपनी पसंद कि धुन मे
उनकी आंखो मे वोह रौनक लौट आए
खिल उठे छोटी छोटी बातो मे पहले कि तरह
उनके आवाज़ मे वोह जान लौट आए
हा मानता हूँ देखा है बस कुछ् ही बार उन्हे
पर उनकी जो एक तस्बीर है मेरे पास
उसे लाख बार देखा है
किस्से उनकी और आवाज़ भी
बहुत बार सुने है I
कब हुआ मोहब्बत येह पताही नही चला
एह्सास् तोह तब हुआ
जब आंसु निकली उनकी अंखो से और दर्द इस दिल को हुआ
अब तोह वक़्त आ गया के हाल-ए-दिल बताना है
कोइ तोह पहुंचा दो मेरे दिल का पैगाम उन तक
हमारी तोह हर एक कोशिश ना-कामयाब रही है I
ज्योतिर्मय, प्यार से ओतप्रोत बहुतभी सुंदर रचना। लेकिन कुछ निराशा में डूबी हुई।
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