रिश्ता
दिल का कामाल का होता है
या कहूं
कामाल की
होती है कारनामा दिल का
सोच रहथे
जिन्हे भुल चुके है हम
आज एक
चहरा कुछ कुछ उनके जैसा लगा
तोह दिल
भी पहली कि तरह ज़ोर ज़ोर से धड़्कने लगा
अर्सा
बीत गये उनके दीदार किये हुये
सोच रहे
थे उनकी आवाज़ भुल चुके है हम
पर दिल
ने साबित कर दिया
फिर से
गलत ही थे हम
यादे कुच
अलग ही होती है इस दिल का
भुले से
भी भुलता नही
जज़्बातो
को दाबा भी लेता है
फीर
उम्मीदो को जगाके
रोने पे
मजबुर भी कर देता है
रह्ता
जिसके पास है
अक्सर
उसी को तड़पा जाता है