पुरा का पुरा खेल जो है “चिलमन” शब्द से शुरु हुआ...
तिन दिन पहले कि बात
है मैने एक शेर लिखा था...
तेरे पल्को के चिलमन
मे अपना घर बसाऊं
तु झुकाए नज़रे और
रात के साये मे मै
चैन से सो जाऊं
तोह, उस दिन से ये “चिलमन”
शब्द कान में गुंज रहा था के इस शब्द के साथ मेरा कुछ खास
रिश्ता है , फिर काल रात कि बात है, एक शायरी सुनी मैने ,तब से दिमाग मे चल रहा
है ...पक्का इस शब्द के साथ कोइ गहरा रिश्ता है मेरा लेकिन याद नही आ रहा था.
आज सुबह चाए पीते
पीते मेरी बहन से पुछा...”चिलमन” शब्द को लेकर कोइ गाना है किया?
मै ये गाना सुनते
सुनते सोच रहा था के इस गाने को मै भुल कैसे सकता हूँ ...जब येह मुभी Release हुइ थी
तब से लेकर लगभग दो साल से ज़्यादा वक़्त तक येह गाना हर रोज़ सुनाथा मैने, फिर बहुत
सारे कारन के चलते इस गाने से मेरा रिश्ता टुट गया था, देखते देखते दश साल से भी
ज़्यादा वक़्त गुजर गया इस गाने को सुने बिनाI
आज एह्सास हुआ के
दिल से किया गया काम कभी भुलाया नही जा सकता,चाहे वोह कुछी महिनो का प्यार हो या
फिर कोइ गाना जो दिल से पसन्द आया था, इस बारे मे कहे तोह मयुर पुरी साब ने किया
खुब कहा है ( Movie…Kick,
Singers…Neeti Mohan and Sallu Bhai)
“एक पल प्यार का
ज़िन्दगी से बड़ा
ऐसा मेरे खुदा क्युन
है ? “
“चिलमन” शब्द को
लेकर जो गाना है उसका हर एक लाइन मुझे बहुत पसन्द है लेकिन सबसे खास पसन्द है ...
“मेरी किस्मत मे तुम
नही फिर भी
मुझ्को अपना नसीब
लगते हो “
तोह, येह है आज शाम
की बाते, जो मैने मेहसुस किया और तुरंत लिख दिया.
कुछ पुरानी बाते भी
याद आ गइ...
वैसे ये अगर मेरी
बहन को कहता तोह वोह कहती...”भुला ही था कब तु ????????”
तोह, उसी पुरानी
बातो पे दिल ने एक शायरी बना दिया, जी हां, दिल ने लिखा है, मैने पहली भी कहा है
“बदनाम ना करो शायरो
को...
मुझे “शायर” कहके
शायरी करना तोह एक
हुनर है
मुझे तोह बस दिल के
कुछ अल्फाज़ लिखबना आता है “
तोह, आज शाम दिलने
जो लिखा वोह अर्ज़ करने है, ज़रा गौर फरमाइयेगा
छेड़ा है साज़ मौसम ने
मोहब्बत का
तोह तराने कुछ
पुरानी याद आ गइ
उनकी आवाज़,उनकी बाते
ज़ुल्फो को लहराना
उनका
चलते चलते मुड़के
देखने का
वोह सुर याद आ गइ
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