"Mohabbat bhi Zindagi ki tarah hoti hai Har mod asaan nehi hota, har mod pe khushiya nehi milti. Jab hum zindagi ka saath nehi chhodte toh Mohabbat ka saath kyun chhode?? ---Mohabbatein
वाह, बहुत ही सुंदर शेर की प्रस्तुति। पर इसमें व्याकरण संबंधी, लिखने के तरीके में कुछ अशुद्धियां हैं। जिन्हें और दुरूस्त कर लें, तो सोने पर सुहागा हो जाएगा।
बहुत ही सुंदर शेर। वैसे ज्याेर्तिमय सरकार जी, आप अपनी पोस्ट थोड़ी बड़ी लिखा करिए। यदि पोस्ट में 500 शब्द होंगें तो और भी अच्छा रहेगा। यदि आप आगे चल कर एडसेंस अपने ब्लाग पर लगाना चाहिती हैं। तो आपको ब्लाग की बेसिक नीडस को पूरा करना ही होगा। साथ ही ब्लाग पर विजिटर बढ़ाने के लिए कमेंट आदि भी करती रहें।
simply awesome :-)
ReplyDeleteCheers, Archana - www.drishti.co
Thanks Ma'am
ReplyDeleteWritten Dil Se :-) Lovely Poem Jyotirmoy.
ReplyDeleteवाह, बहुत ही सुंदर शेर की प्रस्तुति। पर इसमें व्याकरण संबंधी, लिखने के तरीके में कुछ अशुद्धियां हैं। जिन्हें और दुरूस्त कर लें, तो सोने पर सुहागा हो जाएगा।
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर शेर। वैसे ज्याेर्तिमय सरकार जी, आप अपनी पोस्ट थोड़ी बड़ी लिखा करिए। यदि पोस्ट में 500 शब्द होंगें तो और भी अच्छा रहेगा। यदि आप आगे चल कर एडसेंस अपने ब्लाग पर लगाना चाहिती हैं। तो आपको ब्लाग की बेसिक नीडस को पूरा करना ही होगा। साथ ही ब्लाग पर विजिटर बढ़ाने के लिए कमेंट आदि भी करती रहें।
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